भारतवष का जगत-मुकुट क्या कहा जाता है।
भारतवर्ष की तुलना रात्रि के चंद्रमा से क्यों की गई है?
कवि हिमालय और गंगा के माध्यम से क्या स्पष्ट करना चाहता है
Answers
Answered by
0
संबोधन कारक
“जिस संज्ञापद से किसी को पुकारने, सावधान करने अथवा संबोधित करने का बोध हो, ‘संबोधन’ कारक कहते हैं।”
संबोधन प्रायः कर्ता का ही होता है, इसीलिए संस्कृत में स्वतंत्र कारक नहीं माना गया है। संबोधित संज्ञाओं में बहुवचन का नियम लागू नहीं होता और सर्वनामों का कोई संबोधन नहीं होता, सिर्फ संज्ञा पदों का ही होता है।
Similar questions