भास्कराचार्य के दो ग्रन्थों के नाम बताइए।
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भास्कराचार्य या भास्कर द्वितीय (1114 – 1185) प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं ज्योतिषी थे। इनके द्वारा रचित मुख्य ग्रन्थ सिद्धान्त शिरोमणि है जिसमें लीलावती, बीजगणित, ग्रहगणित तथा गोलाध्याय नामक चार भाग हैं। ये चार भाग क्रमशः अंकगणित, बीजगणित, ग्रहों की गति से सम्बन्धित गणित तथा गोले से सम्बन्धित हैं।
भास्कराचार्य द्वारा लिखित दो प्रमुख ग्रंथों के नाम हैं...
- सिद्धांत शिरोमणि
- लीलावती
सिद्धांत शिरोमणि भास्कराचार्य का द्वारा रचित प्रथम ग्रंथ था। इसकी रचना उन्होंने केवल 32 वर्ष की आयु में की थी। इस ग्रंथ में चार खंड हैं, जिनके नाम पारी गणित, बीज गणित, गणिताध्याय तथा गोलाध्याय हैं।
भास्कराचार्य द्वारा रचित दूसरा ग्रंथ लीलावती है। इस ग्रंथ का नामकरण उन्होंने अपनी पुत्री के नाम पर किया था।
इसेके अतिरिक्त भास्कराचार्य ने करणकुतूहल, वासना भाष्य आदि ग्रंथों की रचना।