भास्कराचार्य ने कौन-कौनसे ग्रंथ लिखे?
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सिध्दान्त शिरोमणि
जिसको चार भागों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें लीलावती, बिजागिता, ग्रहागीता और गोलाध्याय कहा जाता है।
Explanation:
भास्कर और उनके कार्य 12 वीं शताब्दी में गणितीय और खगोलीय ज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें मध्यकालीन भारत का सबसे महान गणितज्ञ कहा गया है|
लीलावती :- पहला खंड लिलावती, उनकी बेटी के नाम पर, इसमें 277 छंद हैं। इसमें गणना, प्रगति, माप, क्रमपरिवर्तन और अन्य विषय शामिल हैं।
बीजगणिता :- दूसरे खंड बिज्जागिता में 213 छंद हैं। यह शून्य, अनंत, सकारात्मक और नकारात्मक संख्याओं और अनिश्चित समीकरणों पर चर्चा करता है |
ग्राहगणिता :- तीसरे खंड में, ग्रहागीता ने ग्रहों की गति का इलाज करते हुए, उनकी तात्कालिक गति पर विचार किया |
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