भाषा की बात
1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट,
हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि
भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर
लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
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2. चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो
पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का
आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से
निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण
कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित
संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध
होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को
लिखो-
.
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
(घ) सभी लोग हँस रहे थे।
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
3. कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।
• इस वाक्य में रेखांकित शब्द 'दिलचस्पियाँ' और 'मौसी' संज्ञाओं की विशेषता
बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण
का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
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उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका स्वयं को उम्रदराज़ मानने लगी हैं। उनके पहनावे में और रंगों की पसंद में भी बदलाव हुए हैं, क्योंकि वो पहले फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे आदि पहनती थीं। परन्तु आज वो चूड़ी़दार और घेरदार कुर्ते डालती हैं। उन्हें पहले रंग-बिरगें कपड़े अच्छे लगते थे, परन्तु आज हल्के रंग ही पहनती हैं। अब उम्र बढ़ने के साथ उनके खाने में भी बदलाव हुए हैं।
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