Hindi, asked by parshu5134, 11 months ago

भाषा के लिखित रूप के महत्व एवं आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।

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Answered by bhatiamona
57

Answer:

लिखित भाषा

लिखित भाषा वह भाषा होती है जिसे लिखकर भावनाएं व्यक्त किये जाते हैं |

जैसे पत्र के द्वारा हम किसी को संदेश देते है|  

लिखित भाषा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है | लिखित भाषा के माध्यम से  

हम अपने विचार प्रकट कर सकते है | लिखित भाषा के द्वारा हम कहानियाँ और कविताएँ लिख सकते है जो दुनिया का हर व्यक्ति पढ़ सकता है|

लिखित भाषा के जरिए अख़बार छपती है जिसके जरिये हम दुनिया बहार की जानकारी प्राप्त करते है |  

इस प्रकार लिखित भाषा का वह रूप जिसमें एक व्यक्ति अपने विचार या मन के भाव लिखकर प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है | लिखित भाषा के  द्वारा अथवा पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में लेख द्वारा अपने विचार प्रकट सकते  है |  

Answered by AadilPradhan
27

Answer:

भाषा हमारे विचारों और विचारधाराओं का सम्प्रेषण है। सदियों तक दार्शनिक चिंतन, सभ्यता और संस्कृति का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक सम्प्रेषण मौखिक रूप में होता रहा। मौखिक सम्प्रेषण में कई विसंगतियां रही और कई बार तो प्रस्तुत विचारों की व्याख्या तक बदल दी गई। भाषा के लिखित संस्करण ने सभ्यता के विकास में एक नई क्रांति ला दी। अभिव्यक्ति को जब लिपि का साथ मिला तो इसकी व्यावहारिकता और प्रमाणिकता को सदियों लम्बा जीवनदान मिल गया। ज्ञान-विज्ञान को सहेजने के लिए भाषा का लिखित रूप अत्यंत महत्वपूर्ण है। दुनियाभर में कई सभ्यताएँ बसी और समय की गति में उजड़ गई, परंतु जिन सभ्यताओं का इतिहास लिखित रूप में दर्ज था वो आज भी अमर हैं और उनका ज्ञान आज भी कई संदर्भों में व्यावहारिक साबित होता है।

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