Hindi, asked by satyanaray92, 8 months ago

भाषा के मानक रूप पर अपने विचार प्रकट कीजिए।​

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Answered by vanshikavikal448
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hey mate your answer is here ⬇️⬇️

मानक भाषा को कई नामों से पुकारते हैं। इसे कुछ लोग ‘परिनिष्ठित भाषा’ कहते हैं और कई लोग ‘साधु भाषा’। इसे ‘नागर भाषा’ भी कहा जाता है । अंग्रेजी में इसे Standard Language’ कहते हैं। मानक का अर्थ होता है एक निश्चित पैमाने के अनुसार गठित। मानक भाषा का अर्थ होगा, ऐसी भाषा जो एक निश्चित पैमाने के अनुसार लिखी या बोली जाती है। मानक भाषा व्याकरण के अनुसार ही लिखी और बोली जाती है अर्थात् मानक भाषा का पैमाना उसका व्याकरण है। हम जब किसी अपरिचित व्यक्ति से मिलते हैं तो उससे मानक भाषा में ही बातचीत करते हैं, जब हम कक्षा में किसी प्रश्न का उत्तर देते हैं तो हम मानक भाषा का ही प्रयोग करते हैं। हम पत्र-व्यवहार में मानक भाषा ही लिखते हैं। समाचार पत्रों में जो भाषा लिखी जाती है, वह भी मानक ही होती है। आकाशवाणी और दूरदर्शन के समाचार मानक भाषा में ही प्रसारित किए जाते हैं। हमारे प्रशासन के सारे कामकाज मानक भाषा में ही सम्पन्न होते हैं। कहने का आशय यह है कि मानक भाषा हमारे बृहत्तर समाज को सांस्कृतिक स्तर पर आपस में जोड़ती है और हम उसी के माध्यम से एक-दूसरे तक पहुँचते हैं। मानक भाषा हमारी बात दूसरों तक ठीक उसी रूप में पहुँचाती है जो हमारा आशय होता है। अत: मानक भाषा सर्वमान्य भाषा होती है, वह व्याकरण सम्मत होती है और उसमें निश्चत अर्थ सम्प्रेषित करने की क्षमता होती है। गठन और सम्प्रेषण की एकरूपता उसका सबसे बड़ा लक्षण है। यह भाषा सांस्कृतिक मूल्योंं का प्रतीक बन जाती है। धीरे-धीरे इस मानक भाषा की शब्दावली, उसका व्याकरण, उसके उच्चारण का स्वरूप निश्चित और स्थिर हो जाता है और इसका प्रसार और विस्तार पूरे भाषा क्षेत्र में हो जाता है। इस प्रकार मानक भाषा की परिभाषा निम्नलिखित शब्दों में दी जा सकती है :

‘‘मानक भाषा किसी भाषा के उस रूप को कहते हैं जो उस भाषा के पूरे क्षेत्र में शुद्ध माना जाता है तथा जिसे उस प्रदेश का शिक्षित और शिष्ट समाज अपनी भाषा का आदर्श रूप मानता है और प्राय: सभी औपचारिक स्थितियों में, लेखन में, प्रशासन और शिक्षा के माध्यम के रूप में यथासाध्य उसी का प्रयोग करता है।’’

Answered by Anonymous
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Answer:

yup..vanshi........................

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