भाषा की परिभाषा बताओ
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Bhasha Wale sadhan Hai Jiske dwara Ham Apne Bhav vicharon ko dusre Tak pahuncha sakte hain aur dusre ke bahor vicharon ko samajh sakte hain bhasha ke teen Prakar hote hain mokhik Likhit aur sanketik
भाषा की परिभाषा बताओ ?
भाषा : भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने मन के भावों एवं विचारों का आदान-प्रदान करता है, वह भाषा कहलाती है ।
मनुष्य को प्रकृति ने ऐसी क्षमता प्रदान की है जिससे वह अपने विचारों और भावों को स्पष्टता से संक्षेप व विस्तार के दूसरों के सामने प्रकट कर सकता है, जिन्हें सुनकर श्रोता (सुननेवाला) , वक्ता (बोलनेवाला) के विचारों या भावों को ग्रहण कर सकता है।
'भाषा' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा की 'भाष्' धातु से हुई है, जिसका अर्थ है - बोलना या कहना। भाषा स्पष्ट रूप से विचारों की अभिव्यक्ति में समर्थ होती है। अंतः स्पष्ट है कि प्रारंभ में भाषा का मुख्य गुण बोलना ही स्वीकृत था, किंतु मानव-सभ्यता के विकास के साथ-ही-साथ भाषा के लिखित रूप का भी प्रचलन हुआ और तब से भाषा का यह रूप भी स्वीकृत हो गया। अंतः कभी-कभी भाषा का कार्य संकेतों, चिह्नों या अस्पष्ट ध्वनियों द्वारा भी किया जाता है; जैसे- यातायात पुलिस का सिपाही वाहनों को रुकने और चलने के लिए इशारा या संकेत करता है, लेकिन इसे भाषा नहीं कहा जा सकता। इसमें अभिव्यक्ति की समर्थता का अभाव है।
भाषा विचारों एवं भावों के आदान-प्रदान सशक्ल साधन है। संसार में अनेक भाषाएं प्रयोग में लाई जाती हैं; जैसे - जर्मन, हिंदी, अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, संस्कृत, गुजराती, जापानी, रूसी, उर्दू, अरबी, फ़ारसी, आदि।
भारतीय संविधान में वर्णित निम्नलिखित 22 भारतीय भाषाओं को मान्यता दी गई है :
हिंदी, उर्दू, पंजाबी, मराठी, गुजराती, संस्कृत, तमिल, असमिया, सिंधी, बांग्ला, नेपाली, मलयालम, कन्नड, उड़िया, तेलुगू, मणिपुरी, मैथिली, कश्मीरी, संथाली, डोगरी, बोडो, कोंकणी।
भाषा में ग्राह्यता का गुण होता है। किसी भी भाषा में नित नए शब्द जुड़ते रहते हैं और पुराने शब्द चलन से बाहर हो जाते हैं। आज विश्व में 2,796 भाषाओं और 400 लिपियों को मान्यता प्राप्त है।