भाषा कौशल-शब्द निर्माण, शब्द स्वरूप बोध, प्रयोग, पहचान
1. मूल शब्द के प्रारंभ में लगकर उसका विशेष अर्थ बताने वाले शब्दांश उपसर्ग कहलाते हैं।
प्रयोग नहीं होता है; जैसे- प्र + देश
प्रदेश वि + भिन्न
विभिन्न
1.
(क) चित्र
वित्रित्र
(क) ताप
प्रताप
(ख) ज्ञान
(ख) मुख
(ग) ख्यात
(घ) कृति
(ग) बल
(घ) कृति
(ङ) लय
(ङ) जय
-
जैसे- माला
मालाएँ।
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन बनाइए- (Make plural words.)
(क) जटा जटाएँ
(ग) कला
(घ) बाला
(ख) विशेषता
(ङ) कथा
(च) नौका
निम्नलिखित शब्दों में वि' और 'प्र' उपसर्ग लगाइए- (Make new words using the 'वि' and u prefives
2. 'आ' से समाप्त होने वाले स्त्रीलिंग शब्दों के बहुवचन बनाते समय 'आ' को 'आएँ' में बदल दिया जाता है।
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Answer:
ख)विज्ञान
ख) प्रमुख
ग) विख्यात
घ)आकृति
ग) प्रबल
ड) प्रलय
ड) विजय
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन बनाइए
ग कलाएं
घ बालाएं
ख विशेषताएं
ड कथाएं
च नौकाए
निम्नलिखित शब्दों में वी और प्र उपसर्ग लगाइए
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