भाषा के ठहराव की कहानी
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भाषा के डाबरा उसे कहते हैं जो भाषा होती है जैसे कि हिंदी इंग्लिश और मराठी न जाने वाली भाषा है इस मराठी में सिर्फ महाराष्ट्र में ही बोली जाती है
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भाषा के ठहराव |
Explanation:
भाषा में ठहराव मूल रूप से उसके व्याकरण से आती हैं | व्याकरण हमें किसी भाषा की आत्मा तक पहुंचाने में मदद करती हैं या यूं कहें की व्याकरण ही किसी भी भाषा की आत्मा हैं | वैसे भाषा में ठहराव लाने के लिए हमें व्याकरण पर ध्यान देनी चाहिए |
शब्दों का सही उच्चारण सीखना, काल के भेदों के बारे में जानना, मात्राओं का सही से इस्तेमाल करना और इसकी शुद्धि के बारे में जानना आदि ही भाषा को और भी ज्यादा संतुलित बनाने में मदद करती हैं | तथा आप इसके लिए अच्छे लेखकों के द्वारा लिखे गए लेखों को पठन कर के भी अपने भाषा में ठहराव ला सकते हैं |
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