Hindi, asked by nirajlazade789, 1 month ago

भीष्म ने अपनी पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए कौनसा वचन लिया ?
इस से हमें उनके किन किन गृणों पता चलता है ?

Answers

Answered by mahimaverma2005
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Answer:

वैशम्‍पायनजी कहते हैं- देवव्रत का यह वचन सुन कर धर्मात्‍मा निषादराज के रोंगटे खड़े हो गये। ... उस समय अन्‍तरिक्ष में अप्‍सरा, देवता तथा ऋषिगण फूलों की वर्षा करने लगे और बोल उठे- 'ये भयंकर प्रतिज्ञा करने वाले राजकुमार भीष्‍म हैं (अर्थात भीष्‍म के नाम से इनकी ख्‍याति होगी)'।

Explanation:

भीष्म अथवा भीष्म पितामह महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में से एक थे। भीष्म महाराजा शान्तनु के पुत्र थे महाराज शांतनु की पटरानी और नदी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे | उनका मूल नाम देवव्रत था। भीष्म में अपने पिता शान्तनु का सत्यवती से विवाह करवाने के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने की भीषण प्रतिज्ञा की थी | अपने पिता के लिए इस तरह की पितृभक्ति देख उनके पिता ने उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान दे दिया था | इनके दूसरे नाम गाँगेय, शांतनव, नदीज, तालकेतु आदि हैं।

तब देवव्रत अपने पिता की खुशी के लिए प्रतिज्ञा लेते हैं कि महाराज शांतनु और माता सत्यवती से उत्पन्न पुत्र ही राज्य का अधिकारी बनेगा और वे खुद आजीवन ब्रह्मचारी रहेंगे। अपना परिवार कभी निर्मित नहीं करेंगे। इस भीष्म प्रतिज्ञा के कारण ही उनके पिता ने उन्हें भीष्म नाम दिया और साथ ही इच्छामृत्यु का वरदान भी दिया।

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