Hindi, asked by mahising1985, 1 year ago

भाषा निबन्ध - ऐतिहासिक या धार्मिक (400 शब्द)​


Anonymous: i will not message u
Anonymous: hey please tell
mahising1985: i want to talk you
Anonymous: then why
Anonymous: r u not taking
Anonymous: hey
mahising1985: had your dinner
mahising1985: hi
mahising1985: you are free
Anonymous: I'm free today at 10 a.m.

Answers

Answered by sehaj0001
1
you want to know about itihasik ya dharmik sthaan ki yaatra?

mahising1985: any one
Answered by vittaluppar
0

मेरे पिता पर निबंध

‘मेरे पिता’ दुनिया के सबसे प्यारे पिता हैं। वो मेरे सच्चे हीरो, पक्के दोस्त, मेरी प्रेरणा और अभी तक देखे मेरे जीवन के सबसे अच्छे इंसान हैं। वो एक ऐसे इंसान हैं जो स्कूल के लिये तैयार होने में, बिस्तर से सुबह उठने में और अच्छे से मेरे गृहकार्य पूरा कराने में बहुत मदद करते हैं। वो हमेशा मेरा ध्यान रखते हैं और मेरी माँ को दोपहर में ये जानने के लिये फोन करते हैं कि क्या मैं अपने सही समय पर घर पहुँच गया हूँ कि नहीं। वो बहुत तंदुरुस्त, स्वस्थ, खुश और समयपालक व्यक्ति हैं। वो हमेशा सही समय पर ऑफिस जाते हैं और हमें भी स्कूल सही समय पर जाने के लिये सिखाते हैं। वो हमें जीवन में समय का मूल्य सिखाते हैं और कहते हैं कि अगर कोई अपना समय खराब करता है, समय उसका जीवन नष्ट कर देता है।

वो बहुत अच्छे इंसान हैं और मेरे पड़ोसियों को उनके मुश्किल समय में मदद करते हैं। वो हमेशा मेरी माँ को बहुत प्यार, देख-भाल और सम्मान करते हैं तथा कभी उनसे झगड़ा नहीं करते हैं। वो हमेशा उनका साथ देते हैं और उनकी बीमारी के समय किचन में कई बार मदद भी करते हैं। वो मेरे दादा-दादी को बहुत प्यार और इज़्जत करते हैं और हमें उनका ध्यान रखना सिखाते हैं। वो हमें कहते हैं कि बूढ़े लोग ईश्वर की तरह होते हैं, हमें उनका ध्यान, सम्मान और प्यार करना चाहिये। हमें मुश्किल समय में बूढ़े लोगों की कभी अनदेखी नहीं करना चाहिये क्योंकि ये समय हरेक के जीवन में आता है। वो हमें कहते हैं कि अपनी स्थिति के अनुसार पूरे जीवनभर सभी आयु वर्ग के ज़रुरतमंद लोगों की हमेशा मदद करनी चाहिये। वो हर दिन 15 मिनट हमें अच्छी आदतों और नैतिकता के बारे में बताते हैं।

मेरे पिता पर निबंध

‘मेरे पिता’ मेरे जीवन के सबसे अच्छे दोस्त और सच्चे हीरो हैं। मैं हमेशा उन्हें डैड बुलाता हूँ। वो मेरे जीवन के सबसे खास व्यक्ति हैं। वो एक बहुत अच्छे खिलाड़ी और कलाकार हैं। वो अपने बचे समय में पेंटिंग करते हैं और हमें भी पेंटिंग करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। वो कहते हैं कि हमें संगीत, गायन, खेल क्रिया, पेंटिंग, नृत्य, कार्टून बनाने आदि में रुचि रखनी चाहिये क्योंकि ऐसी अतिरिक्त गतिविधियाँ हमारे बचे हुए समय को व्यस्त रखती है और पूरे जीवनभर शांतिपूर्ण रहने में मदद करती है। नयी दिल्ली के एक लिमिटेड कम्पनी में वो एक इंटरनेट मैनेजर हैं (एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर)।

ज़रुरतमंद लोगों की मदद के लिये वो कभी पीछे नहीं हटते और हमेशा उनकी मदद के लिये तैयार रहते हैं खासतौर से बूढ़ लोगों की मदद के लिये। वो मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं और मेरी सभी समस्याओं की चर्चा करते हैं। जब कभी-भी मैं परेशान होता हूं, वो मुझे बहुत शांतिपूर्वक कारण बताते हैं और मुझे सबसे ऊपर के कमरे में ले जाते हैं, वो मुझे अपने बगल में बैठाते हैं, अपना हाथ मेरे कंधे पर रखते हैं और अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हैं, मुझे एहसास कराने के लिये अपनी गलतियाँ और सफलता सहित कमियाँ बताते हैं कि मैं क्या सही और क्या गलत कर रहा हूँ। वो जीवन की नैतिकता के बारे में बताते हैं और बड़ों के महत्व को समझाते हैं। वो हमें सिखाते हैं कि हमें पूरे जीवनभर किसी इंसान को दुखी नहीं करना चाहिये और हमेशा ज़रुरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिये खासतौर से बूढ़े व्यक्तियों की।

वो हमेशा मेरे दादा-दादी का ध्यान रखते हैं और कहते हैं कि बुजुर्ग लोग घर की बहुमूल्य संपत्ति की तरह होते हैं इनके बिना, हम बिना माँ के बच्चे और पानी बिना मछली की तरह हैं। वो हमेशा किसी भी बात को आसानी से समझने के लिये बहुत अच्छा उदाहरण देते हैं। हर छुट्टी पर अर्थात् रविवार को, वो हमें पिकनिक या पार्क में ले जाते हैं जहां हम सभी कुछ बाहरी क्रियाओं और खेलों के द्वारा खूब मस्ती करते हैं। हम आमतौर पर बाहर के खेल के रुप में बैडमिंटन और घर के खेल में कैरम खेलते हैं।

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