Hindi, asked by mahising1985, 1 year ago

भाषा निबन्ध - किसी एक महापुसष पर निबन्ध (350 शब्द )​

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Answered by vittaluppar
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मेरे पिता मेरे लिए आदर्श है। क्योंकि वे एक आदर्श पिता हैं। उनमें वे सारी योग्यताएं मौजूद हैं जो एक श्रेष्ठ पिता में होती हैं। वे मेरे लिए केवल एक पिता ही नहीं बल्कि मेरे सबसे अच्छे दोस्त भी हैं, जो समय-समय पर मुझे अच्छी और बुरी बातों का आभास कराकर आगाह करते हैं। पिताजी मुझे हार न मानने और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देते हुए मेरा हौसला बढ़ाते हैं।पिता से अच्छा मार्गदर्शक कोई हो ही नहीं सकता। हर बच्चा अपने पिता से ही सारे गुण सीखता है जो उसे जीवन भर परिस्थितियों के अनुसार ढलने के काम आते हैं। उनके पास सदैव हमें देने के लिए ज्ञान का अमूल्य भंडार होता है, जो कभी खत्म नहीं होता। उनकी कुछ प्रमुख विशेषताएं उन्हें दुनिया में सबसे खास बनाती है जैसे -

धीरज- पिताजी का सबसे महत्वपूर्ण गुण है, कि वे सदैव हर समय धीरज से काम लेते हैं और कभी खुद पर से आपा नहीं खोते। हर परिस्थिति में वे शांति से सोच समझ कर आगे बढ़ते हैं और गंभीर से गंभीर मामलों में भी धैर्य बनाए रखते हैं।

संयम - मैने हमेशा पिता से सीखा है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमें अपने आप पर से नियंत्रण कभी नहीं खोना चाहिए। पिताजी हमेशा संयमित व्यवहारकुशलता से हर कार्य को सफलता पूर्वक समाप्त करते हैं। वे कभी मुझ पर या मां पर बिना वजह छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा नहीं करते।

अनुशासन- पिताजी हमेशा हमें अनुशासन में रहना सिखाते हैं और वे खुद भी अनुशासित रहते हैं। सुबह से लेकर रात तक उनकी पूरी दिनचर्या अनुशासित होती है। वे सुबह समय पर उठकर दैनिक कार्यों से नि़वृत्त होकर ऑफिस जाते हैं और समय पर लौटते हैं। वे प्रतिदिन शाम को मुझे बगीचे में घुमाने भी लेकर जाते हैं। इसके बाद वे मुझे स्कूल के सारे विषयों का अध्ययन करवाते हैं।

गंभीरता - पिताजी घर के सभी कार्यों और परिवार के सभी लोगों और उनके स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होते हैं। वे कभी छोटी-छोटी बातों को भी नजर अंदाज नहीं करते बल्कि हर बात को गंभीरता से लेकर उसका महत्व हमें समझाते हैं


sehaj0001: Thnx. for Mark as brainliest
Answered by sehaj0001
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सुभाष चन्द्र बोस पूरे भारत भर में नेताजी के नाम से मशहूर हैं। वो भारत के एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये बहुत बड़ा योगदान दिया। 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक अमीर हिन्दू परिवार में इनका जन्म हुआ। इनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस था जो कटक जिला न्यायालय में एक सरकारी वकील थे और माँ का नाम प्रभावती देवी था। सुभाष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक में एंग्लों इंडियन स्कूल से ली और कलकत्ता विश्वविद्यालय, स्कॉटिश चर्च कॉलेज से दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

वो एक बहादुर और महत्वकांक्षी भारतीय युवा थे जिसने सफलतापूर्वक आई.सी.एस परीक्षा पास होने के बावजूद अपनी मातृभूमि की आजादी के लिये देशबंधु चितरंजन दास द्वारा प्रभावित होने के बाद असहयोग आंदोलन से जुड़ गये। हमारी आजादी के लिये ब्रिटिश शासन के खिलाफ वो लगातार हिंसात्मक आंदोलन में लड़ते रहे।

महात्मा गांधी के साथ कुछ राजनीतिक मतभेदों के कारण 1930 में कांग्रेस के अध्यक्ष होने के बावजूद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया। एक दिन नेताजी ने अपनी खुद की भारतीय राष्ट्रीय शक्तिशाली पार्टी ‘आजाद हिन्द फौज’ बनायी क्योंकि उनका मानना था कि भारत को एक आजाद देश बनाने के लिये गांधीजी की अहिंसक नीति सक्षम नहीं है। अंतत: उन्होंने ब्रिटिश शासन से लड़ने के लिये एक बड़ी और शक्तिशाली “आजाद हिन्द फौज” बनायी।

वो जर्मनी गये और कुछ भारतीय युद्धबंदियों और वहाँ रहने वाले भारतीयों की मदद से भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन किया। हिटलर के द्वारा बहुत निराशा के बाद वो जापान गये और अपनी भारतीय राष्ट्रीय सेना को एक प्रसिद्ध नारा दिया “दिल्ली चलो” जहाँ पर आजाद हिन्द फौज और एंग्लों अमेरिकन बलों के बीच एक हिंसक लड़ाई हुयी। दुर्भाग्यवश, नेताजी सहित उन्हें आत्मसमर्पण करना पड़ा। जल्द ही, टोक्यो के लिये प्लेन में छोड़े गये हालांकि फारमोसा के आंतरिक भाग में प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ये रिपोर्ट किया गया कि उस प्लेन दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु हो गयी। नेताजी का साहसिक कार्य आज भी लाखों भारतीय युवाओं को देश के लिये कुछ कर गुजरने के लिये प्रेरित करता है।


hope it helps uh ❤

sehaj0001: Thnx
sehaj0001: for Mark as brainliest
mahising1985: you're welcome
sehaj0001: @sapp plz
mahising1985: okay
sehaj0001: Yes
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