India Languages, asked by kunal2768, 3 months ago

भाषायी विविधता की दृष्टि से प्रारंभिक कक्षाओं में बच्चों के सीखने सिखाने को बेहतर बनाने के लिए उनके घर की भाषा और स्कूल की मानक भाषा का सोचा समझा संतुलित प्रयोग कैसे किया जा सकता है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें ।​

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Answered by shishir303
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O   भाषायी विविधता की दृष्टि से प्रारंभिक कक्षाओं में बच्चों के सीखने सिखाने को बेहतर बनाने के लिए उनके घर की भाषा और स्कूल की मानक भाषा का सोचा समझा संतुलित प्रयोग कैसे किया जा सकता है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।​

► भाषाई विविधता की दृष्टि से यदि एक कक्षा में अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले छात्र हैं तो वह भाषाई विविधता वाली कक्षा कहलायी जाती है। किसी भी छात्र के लिए प्राथमिक स्तर पर उसकी मातृभाषा में शिक्षा देना ना केवल उपयोगी होता है, बल्कि छात्र के मानसिक विकास के लिए भी अच्छा होता है। अपनी मातृभाषा में शिक्षा पाने पर छात्र अधिक तीव्र गति से सीख पाता है। यदि यदि कक्षा बहुवासी है तो एक ऐसी मानक भाषा विकसित की जाती है जो कक्षा का छात्र समझ ले।

ऐसी स्थिति में उनके लिए छात्रों में की मातृभाषा और स्कूल की मानक भाषा के संतुलित प्रयोग के लिए आवश्यक है कि कक्षा में छात्रों को आपस में व्यवहार करने की अनुमति दी जाए, जिससे एक दूसरे की भाषा को समझ सकेंगे। छात्र को भी ऐसी भाषा में सिखाने का प्रेरित किया जाए जो उसको आसानी से समझ में आ सकती हो और वह भाषा कक्षा के सभी छात्र समझ सकते हों। बहुभाषी कक्षा में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अध्यापक को समृद्ध भाषिक परिवेश का निर्माण करना चाहिए। जिस कक्षा में बहुभाषी छात्र हैं उनमें आपस में छात्र में संवाद होने पर बच्चों को अन्य भाषाओं के शब्दों को जाने समझने का अवसर मिलता है, और उनके ज्ञान में वृद्धि होती है। इसी प्रक्रिया छात्र आपस में एक मानक भाषा स्थापित कर लेते हैं, जिसमें शिक्षा देना आसान होता है।

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Answered by minakshikumari09876
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Explanation:

भाषायी विविधता की दृष्टि से प्रारंभिक कक्षाओं में बच्चों के सीखने सिखाने को बेहतर बनाने के लिए उनके घर की भाषा और स्कूल ...

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