Hindi, asked by mohityadavji04, 1 month ago

भूषण की अलंकार योजना पर प्रकाश डालिए​

Answers

Answered by sandeep5610001
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Answer:

महाकवि भूषण, रीतिकाल के तीन प्रमुख हिन्दी कवियों में से एक हैं, अन्य दो कवि हैं बिहारी तथा केशव। रीति काल में जब सब कवि शृंगार रस में रचना कर रहे थे, वीर रस में प्रमुखता से रचना कर भूषण ने अपने को सबसे अलग साबित किया। 'भूषण' की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा रूद्रसाह के पुत्र हृदयराम ने प्रदान की थी। ये मोरंग, कुमायूँ, श्रीनगर, जयपुर, जोधपुर, रीवाँ, छत्रपती शिवाजी महाराज और छत्रसाल आदि के आश्रय में रहे, परन्तु इनके पसंदीदा नरेश छत्रपति शिवाजी महाराज और बुंदेला थे।

Answered by rohitkumargupta
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HELLO DEAR,

GIVEN:- भूषण की अलंकार योजना पर प्रकाश डालिए।

ANSWER:-

रीतिकालीन कवियों की भांति भूषण ने अलंकारों को अत्यधिक महत्व दिया है। उनकी कविता में प्रायः सभी अलंकार पाए जाते हैं।अर्थालंकार इनकी उपेक्षा शब्दालंकार को प्रधानता मिली है। यमक अलंकार का एक उदाहरण देखिए-

ऊ़चे घोर मंदर के अंदर रहन वारी,

ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहती है।

भूषण का वास्तविक कार्य अलंकार का विवेचना करना नहीं अपितु शिवाजी के चरित्र का गान करते हुए जनता में आत्मगौरव का भाव जगाना था।अलंकार निरूपण के संदर्भ में पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने भूषण ग्रंथावली में कहा है कि शिबसूज भूषण में क्रम में उदाहरण नहीं बनाए गए। कुछ लों पहले नहीं बने बनाए थे।

THANKS.

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