भाषण की शैलीगत विशेषताएं बताइए?
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भाषण की शैलीगत विशेषताएं
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प्रवाह के साथ पढ़ पाने के लिए यह समझना ज़रूरी है कि किस तरह शब्दों को मिलाने से वाक्य का मतलब बनता है। आम तौर पर कई शब्दों को मिलाकर पढ़ने पर ही आप उनके लेखक के विचारों को समझ पाएँगे। ऐसे शब्दों पर खास ध्यान दीजिए। अगर आपको फायदेमंद लगे, तो उन पर निशान लगाइए। याद रखिए कि पढ़कर सुनाने में आपका मकसद सिर्फ शब्दों को सही-सही बोलना नहीं है, बल्कि विचारों को साफ-साफ ज़ाहिर करना भी है। एक वाक्य की इस तरह जाँच करने के बाद, अगले वाक्य पर जाइए। ऐसा करते हुए आप पूरे पैराग्राफ का अध्ययन कीजिए। यह जानने की कोशिश कीजिए कि पूरे पैराग्राफ में एक-के-बाद-एक विचारों को किस तरह पिरोया गया है। फिर ज़ोर से पढ़ने का अभ्यास कीजिए। पैराग्राफ को तब तक बार-बार पढ़िए जब तक कि आप बिना अटके और बिना गलत जगहों पर रुके, आसानी से नहीं पढ़ लेते। इसके बाद दूसरे पैराग्राफ पर जाइए।
अब पढ़ने की अपनी रफ्तार बढ़ाइए। अगर आपको मालूम है कि किस तरह वाक्य में शब्दों को मिलाकर मतलब बनता है, तब आप एक-एक शब्द पढ़ने के बजाय उन्हें मिलाकर पढ़ पाएँगे। साथ ही, आपको पहले से अंदाज़ा हो जाएगा कि अगले शब्द क्या होने चाहिए। तब आप काफी असरदार तरीके से पढ़ने के काबिल होंगे।
कुछ किताबों को बिना किसी तैयारी के पढ़ने की आदत डालना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। मिसाल के लिए, बिना तैयारी के हर दिन का वचन और उसके नीचे दी गयी टिप्पणियाँ ज़ोर से पढ़िए; ऐसा रोज़ कीजिए। अपनी आँखों को एक-एक शब्द पढ़ने के बजाय ऐसे शब्दों को मिलाकर पढ़ने की आदत डलवाइए जिससे पूरे-पूरे विचार ज़ाहिर हों।