Hindi, asked by kanishk04g, 1 month ago

बहुत
अपठित गद्यांश-2
इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक थॉमस अल्वा एडिसन ही
मेहनती इंसान थे। थॉमस एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 को अमेरिका में
हुआ था और मृत्यु 18 अक्टूबर 1931 को हुई थी। बचपन में उन्हें यह कहकर
स्कूल से निकाल दिया गया था कि वह मंद बुद्धि बालक है। यहाँ जानिए उनके
जीवन का चर्चित प्रेरक प्रसंग, जो आपके मन से असफलता का डर निकाल
सकता है।
थॉमस एडिसन बचपन में मंद बुद्धि थे, लेकिन उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण आविष्कार
किए जिसमें से बिजली का बल्ब प्रमुख है । उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने के
लिए हजारों बार प्रयोग किए थे। तब जाकर उन्हें सफलता मिली थी। एक बार जब
वह बल्ब बनाने के लिए कोई प्रयोग कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा-
आपने करीब एक हजार प्रयोग किए, लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल रहे। साथ
ही, आपकी मेहनत बेकार हो गई। क्या आपको दुःख नहीं होता है ? एडिसन ने
कहा मैं सोचता हूँ कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए हैं । मेरी मेहनत बेकार
नहीं गई, क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक
हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। मेरा हर प्रयोग, बल्ब बनाने की
प्रक्रिया का हिस्सा है और मैं अपनी हर कोशिश के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूँ

कोई भी सामान्य व्यक्ति होता तो वह जल्द ही हार मान लेता, लेकिन थॉमस
एडिसन ने अपने प्रयास जारी रखे और हार नहीं मानी । आखिरकार एडिसन की
मेहनत रंग लाई और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर
दिया। यह थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझने
नहीं दिया और पूरी दुनिया को बल्ब देकर रोशन कर दिया।
इस छोटे से किस्से से हमें यही सीख मिलती है कि किसी भी लक्ष्य की ओर बढ़ाया

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Answered by maidantsinghthakur20
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