बहुत
प्र.२) निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार
कृतियाँ कीजिए।
(५)
हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिहन हैं। जीवन की सबसे प्यारी
और उत्तम से उत्तम वस्तु हैं। हँसी । पुराने लोग कह गए हैं- हँसो और
पेट फुलाओ। जितना भी अधिक आनंद से हँसोगे, उतनी आयु बढ़ेगी।
एक यूनानी विदवान कहते हैं, कि सदा अपने कार्यों को सीखने वाला
हेरीक्लोस कम जिया, पर प्रसन्न मनडेमाक्रोप्स १०९ वर्ष तक
जिया। हँसी-खुशी का नाम जीवन हैं। जो रोते है, उनका जीवन व्यर्थ हैं।
हँसी शरीर और मन दोनों को प्रसन्न रखती है। हँसी पाचन शक्ति और
रक्त को बढ़ाती है, साथ ही अधिक पसीना लाती है। हँसी एक
शक्तिशाली दवा हैं, जो स्वभाव को अच्छा करती हैं, और बुद्धि को निर्मल
करती है।
क) हँसी भीतरी आनंद को कैसे प्रकट करती हैं?
ख) हेरीक्लोस और डेमाक्रीप्सा के उदाहरण से लेखक क्या बताना चाहता
हैं?
ग) हँसने से क्या क्या लाभ होते हैं?
anyone please answer fast i will mark you as brainlist
please answer in hindi
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omg bhot bda short kar ke bhejo
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ye bahut long h short kske bhejo
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