बहु
त पहले की बात है I हमारे देि में एक राजा थे I उनका नाम पाडीं
ु
था I पाींडु
के पाुँच प
ु
त्र थे , स्जन्हें पाडींव कहते हैं I इन्के नाम थे - य
ु
धधस्ठठर, भीम, अज
ु
तन,
नक
ु
ल और सहदेव I पाुँचो राजक
ु
मार ग
ुरु द्रोणाचायत से असत्र् िस्त्र चलाना
सीखते थे I भीम गदा चलाने में बहु
त क
ु
िल थे और्अज
ु
तन धन
ु
ष-बाण चलाने
में, ग
ुरु समय-समय पर अपने लिठयों की पर क्षा ललया करते थे I एक ददन
उन्होंने, पेड़ पर लमट्ट की एक धचडडया टाुँग द I किर राजक
ु
मारों से धचडड़या
की आुँख पर बाण मारने को कहा I ग
ुरु जी ने बार बार से अपने सभी लिठयों
को ब
ु
लाया I उन्होंने धचडडया की ओर सींकेत करते हु
ए प
ूछा " उधर देखो, तु
म्हें
क्या ददखाई देता है ?"
ककसी ने कहा- ग
ुरु जी मझु
े सभी राजक
ु
मार, ्पेड़ और धचडडया सब क
ुछ ददखाई
दे रहा है I ककसी ने कहा मझु
े पेड़ और धचडड़या ददखाई दे रहे है I ककसी ने कहा
म
ुझे धचडड़या के पखीं व पैर ददखाई दे रहे है I ककसी ने कहा म
ुझे म
ुहुँददखाई दे
रहे है I
तब अज
ु
तन की बार आने पर ग
ुरु जी ने उससे भी वह प्रिन प
ूछा , अज
ु
तन ने
कहा, " ग
ुरु जी म
ुझे तो केवल धचडड़या की आखुँ ददखाई दे रह है I
अब ग
ुरु जी ने सभी को बाण चलाने को कहा I अज
ु
तन का तनिाना ठीक लगा
तथा बाकी भाइयों के तनिाने च
ू
क गए I द्रोणाचायत ने सभी राक
ु
मारों को बताया -
" क्या तु
म लोग समझ गए कक अज
ु
तन का तीर तनिाने पर क्यों लगा ? स्जसे
के वल लक्ष्य ददखाई दे , वह सिल होता है I तु
म्लोगों को लक्ष्य के साथ अन्य
दसू र चीज़े भी ददखाई दे रह थी इसललए तु
न्हारा ध्यान बुँट गया और्तनिाना
च
ू
क गया I अज
ु
तन्का ध्यान केवल स्जडड़या की आुँख पर था इसललए उसका
नोिाना ठीक बैठा I
1. पाड़व कौन् थे ? उनके नाम बताइए |
2. द्रोणाचायत लोगों को क्या लसखाते थे ?
3. अज
ु
तन के भाईयों के तनिाने कैसे च
ू
क गए ?
4. अज
ु
तन का तनिाना ककस प्रकार ठीक लगा ?
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