History, asked by Salmonsamsimson5845, 11 months ago

बहुत सारे स्थानों पर विद्रोही सिपाहियों ने नेतृत्व सँभालने के लिए पुराने शासकों से क्या आग्रह किया?

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Answered by shishir303
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1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में बहुत से विद्रोही सिपाहियों ने नेतृत्व संभालने के लिए पुराने शासकों से आग्रह इसलिए किया क्योंकि अंग्रेजों का सामना करने के लिए कुशल नेतृत्व और संगठन की आवश्यकता थी।

अंग्रेजों की विशाल सैन्य शक्ति से मुकाबला करने के लिए योग्य नेतृत्व और एक मजबूत संगठन की आवश्यकता के बिना उनका मुकाबला नहीं किया जा सकता था और ना ही विद्रोह का कुशल संचालन किया जा सकता था।  

ऐसे सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विद्रोही सैनिकों ने ऐसे लोगों की शरण में जाना आरंभ कर दिया, जो नेतृत्व देने में पारंगत थे और जिन्हें नेतृत्व एवं संगठन के क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव था। विद्रोहियों ने ऐसे अनेक स्थानों पर पुराने शासकों को विद्रोह का नेतृत्व संभालने के लिए आग्रह किया।  

जब मेरठ में विद्रोह आरंभ हो गया तो विद्रोह करने के बाद सैनिकों ने दिल्ली की ओर रुख किया। वहां पर सैनिकों ने दिल्ली के बादशाह मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर द्वितीय को विद्रोह का नेतृत्व करने का अनुरोध किया, जिसे मुगल सम्राट ने शुरुआती हिचकिचाहट के बाद स्वीकार कर लिया। उसी तरह कानपुर में सिपाहियों नें पेशवा बाजीराव द्वितीय के उत्तराधिकारी नानासाहेब को अपना नेता बनाया। नानासाहेब कुशल और योग्य व्यक्ति थे। जिन्हें नेतृत्व एवं संगठन का पर्याप्त अनुभव था।  

आंदोलन के आगे के चरणों में विद्रोही सैनिकों ने झांसी में रानी लक्ष्मीबाई को, बिहार में आरा के स्थानीय जमीदार कुंवर सिंह को और लखनऊ में अवध के नवाब वाजिद अली शाह के युवा बिरजिस कादर को नेतृत्व के लिए चुन लिया था।  

विद्रोही सैनिक ऐसे कुशल एवं नेतृत्व करने योग्य शासकों को स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोह का नेतृत्व देकर सिपाही विद्रोह को एक विशाल जन आंदोलन में परिवर्तित करना चाहते थे। जिससे अंग्रेजों से बराबर की टक्कर ले सकें और इसी कारण 1857 का स्वतंत्रता संग्राम आने वाले वर्षों में एक अपनी असफलता के बावजूद एक स्मरणीय जन आंदोलन बन गया था, जो अपनी असफलता के बाद भी जोर-शोर से याद किया जाता है।

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Answered by Anonymous
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Explanation:

इसलिए विद्रोही सिपाहियों ने अनेक स्थानों पर पुराने शासकों को विद्रोह का नेतृत्व सँभालने के लिए आग्रह किया।

  • मेरठ में विद्रोह करने के बाद सिपाहियों ने तत्काल दिल्ली की ओर प्रस्थान कर दिया था।

  • दिल्ली मुग़ल साम्राज्य की राजधानी थी और मुग़ल सम्राट बहादुर शाह द्वितीय दिल्ली में निवास करता था।

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