भूत दया सर्व श्रेष्ठ है । इस पार अपने विचार लिखिए।
suvarnalaxmi25:
ans should be in 10 to 12 lines
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हमें प्रत्येक जीव के प्रति प्रेम दया भाव रखना चाहिए। मानवता का यही धर्म है। प्राचीनकाल में भी देवी-देवता के साथ किसी किसी पशु पक्षी का संबंध होना पशु संरक्षण का प्रतीक है। हमें पालतू पशुओं के साथ लावारिस पशुओं का भी ध्यान रखना चाहिए।
प्राणी मात्र के प्रति दया व प्रेम भाव रखने से ही मानव मात्र का कल्याण होगा। अपने व पराए की भावना का त्याग करते हुए जीव मात्र के प्रति दया और प्रेम भाव से सौहार्द का वातावरण बनेगा तभी सभी का कल्याण होगा।
दया करुणा एक मानवीय हृदय भाव जिन्हें औरों के दुखों के प्रति संवेदना हो उसे दयालु कहा जाता हैं। दया प्राणी का पहला धर्म हैं. निर्दयी मनुष्य हिंसक जानवर के समान होता है, अपने ह्रदय में दया करुना नम्रता जैसे ईश्वरीय गुणों को होना चाहिए ।
इसलिए मानव या प्राणी पर दया करना स्रवश्रेष्ठ है ।
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bhootdaya matlab janvaron aur gareeb jivon ke prati daya bhav dikhana
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