भेद का नाम पढ़िए तथा दो-दो उदाहरण लिखिए।
(क) प्रश्नवाचक सर्वनाम-____,____
(ख) निजवाचक सर्वनाम-____,____
(ग) निश्चंयवाचक सर्वनाम- ___,___
(घ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम- ___,___
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Answers
प्रश्नवाचक सर्वनाम-तुम, कौन, क्या, गया
निजवाचक सर्वनाम-अपना , अपनी , मेरा , मेरी
निश्चयवाचक सर्वनाम-यह , वह
अनिश्चयवाचक सर्वनाम-कोई , कुछ
प्रश्नवाचक सर्वनाम ( Prashna vachak sarvnam ) –
- तुम क्या कर रहे हो ?
- राम पास हो गया ?
- मास्टर जी का क्या नाम है ?
- वहां कौन खड़ा है ?
- यह काम कैसे हुआ ?
‘ तुम ‘ , ‘ गया ‘ , ‘ क्या ‘ , ‘ कौन ‘ आदि सर्वनाम शब्द प्रश्नवाचक कहलाते हैं।
परिभाषा –
” वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिससे किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान के विषय में प्रश्न उत्पन्न हो। उसे प्रश्नवाचक कहते हैं जैसे – ‘ क्या ‘ , ‘ कौन ‘ , ‘ कहां ‘ , ‘ कब ‘ , ‘ कैसे ‘ आदि।
निजवाचक सर्वनाम ( Nij vachak sarvnam ) –
- मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।
- मेरी माता भोजन अपने आप बनाती है।
- मैं अपनी गाड़ी से जाऊंगा।
- मैं अपने पिताजी के साथ जाऊंगा।
‘ अपना ‘ , ‘ अपनी ‘ , ‘ मेरा ‘ , ‘ मेरी ‘ जिस सार्वनामिक शब्दों से अपने या अपने तो का बोध हो उसे निजवाचक कहते हैं।
परिभाषा –
” वह सार्वनामिक शब्द जो स्वयं के लिए प्रयोग करते हैं जैसे – आप , अपना आदि जिससे स्वयं का बोध हो वह निजवाचक कहलाते हैं।
निश्चयवाचक सर्वनाम ( Nishchay vachak sarvnam ) –
- यह मेरी पुस्तक है।
- वह माधव की गाय है।
- वह राम के भाई हैं।
‘ यह ‘ , ‘ वह ‘ , ‘ सर्वनाम शब्द किसी विशेष व्यक्ति आदि को निश्चित संकेत करते हैं। अतः यह संकेतवाचक भी कहलाते हैं।
इस की परिभाषा –
” जो सर्वनाम किसी व्यक्ति , वस्तु आदि को निश्चयपूर्वक संकेत करें वह निश्चयवाचक कहलाता है।
निश्चयवाचक और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर व समानता निम्नलिखित है –
राम मेरा मित्र है , वह दिल्ली में रहता है |
— पुरुषवाचक (अन्य पुरुषवाचक )
यह मेरी गाड़ी है , वह राम की गाड़ी है।
— निश्चयवाचक
अनिश्चयवाचक सर्वनाम ( Anishchay vachak sarvnam ) –
- कोई आ रहा है।
- दरवाजे पर कोई खडा है।
- स्वाद में कुछ कमी है।
‘ कोई ‘ , ‘ कुछ ‘ सर्वनाम शब्दों में किसी घटना या किसी के होने की प्रतीति हो रही है। किंतु वास्तविकता निश्चित नहीं हो रही है। अतः यह अनिश्चयवाचक है।
इस की परिभाषा –
” जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान का बोध नहीं करवाता वह अनिश्चय वाचक कहलाते हैं।