भेद सभि अस्त होने बैर और वासना मनोवो कि एकता कि पुर्ण हो कल्पना मुक्त हमे चाहे एक हि बंधुता को कल्पना
"write bhavart of this"
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आज संसार में वर्णित जाति भेद रंगभेद रंगभेद आदि कई भेद बने हुए हैं ईर्ष्या के कारण ऊंच-नीच का अंतर बना है इसलिए मानव जाति में एकता नहीं है संसार में अशांति और संघर्ष का कारण ये तरह-तरह के भेद ही है जब तक भेद का नाश नहीं होगा तब तब तक मनुष्य जाति एक नहीं होगी
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