भीड़ के लोगों का एक आदमी पर पत्थर फेंकना - एक महात्मा का आना - लोगों द्वारा उस व्यक्ति के पापों की शिकायत - महात्मा से न्याय की मॉग - महात्मा का न्याय - " ठीक है , पत्थर मारों , पर पहला । पत्थर वह उठाय जो पूर्ण निष्पाप हो " - किसी का आगे न बढ़ना - भीड़ का चुप रहना - महात्मा का उपदेश
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भीड़ के लोगों का एक आदमी पर पत्थर फेंकना - एक महात्मा का आना - लोगों द्वारा उस व्यक्ति के पापों की शिकायत - महात्मा से न्याय की मॉग - महात्मा का न्याय - " ठीक है , पत्थर मारों , पर पहला । पत्थर वह उठाय जो पूर्ण निष्पाप हो " - किसी का आगे न बढ़ना - भीड़ का चुप रहना - महात्मा का उपदेश
बहुत समय पहले की बात है । शहर के बाहरी इलाके में बहुत लोग एकत्रित हो गए थे । भीड़ के लोग एक आदमी पर पत्थर फेंक रहे थे । जो भी वहाँ से गुजर रहा था उस आदमी पर पत्थर फेंक रहा था । उसी दौरान वहाँ से एक महात्मा गुजर रहे थे । लोगों ने महात्मा से उस आदमी के पापों की शिकायत की और महात्मा से न्याय की मांग की । बहुत देर तक सोचने के बाद महात्मा ने न्याय करते हुए कहा कि ठीक है अगर आपको पत्थर मारने हैं तो पत्थर मारो परंतु पहला पत्थर वह उठाए जो पूर्ण रूप से निष्पाप हो । अन्यथा कोई भी हाथ नहीं लगाए । यह सुनकर कोई भी आगे नहीं बढ़ा व सब चुप हो गए । फिर महात्मा ने उपदेश दिया कि अगर आपने खुद इतने पाप किए हैं तो इस को सजा देने का कोई अधिकार नहीं है ।