भीड़ से जुदा होकर अपनी बनाई लीक (पथ) पर चलना' इस विषय पर लगभग 250-300 शब्दों में |
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भीड़ से जुदा होकर अपनी बनाई लीक (पथ) पर चलना'
मैं इस वाक्य से बिलकुल सहमत हूँ , भीड़ से जुदा होकर अपनी बनाई लीक (पथ) पर चलना' चाहिए | भीड़ चाहे पैदल चलने वाली हो या सड़क पर गाड़ी चलाने की बात पर हो | हमें हमेशा अपनी तरफ़ चलना चाहिए | हमारी सुरक्षा हमारे हाथ में होती है , हमें सारे नियमों का पालन करना चाहिए , तभी हम आए दिन हो रही दुर्घटनाओं से बच पाएंगे |
भीड़ में चलने के कारण जीवन में बहुत सारे हादसे हो जाते है | भीड़ में लोग एक दूसरे को धका मार कर चलते है जिसके कारण बहुत सारे हादसे हो जाते है |भीड़ की बजाए हमें भीड़ से दूर अपनी लीक पर चलाना चाहिए | बहुत सारे लोगों की वजह से बहुत सारी दुर्घटनाएँ हो जाती है , लोग लापरवाही से गाड़ी चलते है , और अपनी जान गवा देते है | हमें अपने यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए , और कोई ना कर रहा हो तो से रोकना चाहिए | भीड़ में बच्चों और बुजुर्गों को तो बिलकुल नहीं ले कर जाना चाहिए | भीड़ में सब को जल्दी-जल्दी होती है हम किसी से लड़ाई भी नहीं कर सकते , इसलिए अपनी बाएँ तरफ़ ही चलन चाहिए |
दूसरी तरफ़ इसका मतलब थ भी निकलता है ,
भीड़ से जुदा होकर हमें अपनी हिसाब से जीवन व्यतीत करना चाहिए | किसी को कॉपी नहीं करना चाहिए | जो सब लोग करते है हमें नहीं करना चाहिए | हमें किसी भी प्रकार की भीड़ से बच कर रहना चाहिए |