भाव D
कीिजए-
निहं संतोषु त पुिन कछु कह्G। जिन Hरस रोिक दुसह दुःख सहG।।
Answers
Answered by
1
Answer:
इतने पर भी संतोष न हुआ हो तो फिर कुछ कह डालिए। क्रोध रोककर असह्य दुःख मत सहिए।
Similar questions