भाव पक्ष की दृष्टि से मैथिलीशरण गुप्त के काव्य की समीक्षा कीजिए
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भारतीय संस्कृति और मानव मूल्यों के पुरोधा कवि गुप्त ने अपने काव्य में नारी के तप, त्याग उनकी तितिक्षा सेवा, प्रेम वियोग का मर्मान्तक एवं हृदयी स्पर्शी चित्रण ही नहीं किया है अपितु नारी की गरिमा एवं परोपकार भावना की सुन्दर अभिव्यक्ति भी की है।
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भाव पक्ष की दृष्टि से मैथिलीशरण गुप्त के काव्य की समीक्षा कीजिए
(1) गुप्तजी की कविता के विषय मुख्य रूप से भक्ति, राष्ट्र-प्रेम, भारतीय संस्कृति और सामाजिक सुधार हैं।
(2) उनकी धार्मिकता में संकीर्णता का आरोप नहीं लगाया जा सकता।
(3) वे भारतीय संस्कृति के सच्चे पुजारी हैं।
(4) गुप्तजी जनसेवा को सर्वोपरि मानते हैं|
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