भाव पल्लवन और निबंध लेखन के विषय में मुख्य अंतर कया होता है
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Explanation:
किसी निर्धारित विषय जैसे सूत्र-वाक्य, उक्ति या विवेच्य-बिन्दु को उदाहरण, तर्क आदि से पुष्ट करते हुए प्रवाहमयी, सहज अभिव्यक्ति-शैली में मौलिक, सारगर्भित विस्तार देना पल्लवन (expansion) कहलाता है। इसे विस्तारण, भाव-विस्तारण, भाव-पल्लवन आदि भी कहा जाता है।
1.पल्लवन में आत्मकथात्मक शैली ('मैं' शैली) का प्रयोग नहीं होता जबकि अनुच्छेद लेखन में आत्मकथात्मक शैली का प्रयोग भी किया जा सकता है।
2.पल्लवन में केवल वर्तमान काल का प्रयोग किया जाता है जबकि अनुछेद लेखन में किसी भी काल का प्रयोग किया जा सकता है।
3..पल्लवन में एक से अधिक अनुच्छेद हो सकते हैं क्योंकि पल्लवन का आकार अनुच्छेद से अपेक्षाकृत बड़ा होता है जबकि अनुच्छेद एक ही पैराग्राफ़ में लिखा जाता है।
निबंध में भूमिका, विकास तथा उपसंहार होता है किन्तु लघु रचना होने के कारण अनुच्छेद में लेखक प्रथम वाक्य से ही विषय का प्रतिपादन आरंभ कर देता है।
(२) निबंध में मूल विचार का विस्तार उसके सभी आयामों के साथ होता है जबकि अनुच्छेद में एक ही विचार बिन्दु का प्रतिपादन होता है।
(३) निबंध में विषय के सभी पहलुओं को प्रस्तुत किया जाता है जबकि अनुच्छेद में लेखक मूल विषय के साथ ही जुड़ा है और संक्षेप में अपनी बात प्रस्तुत करता है।
Explanation:
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