Hindi, asked by akashnathan2019, 11 months ago

भावार्थ
१.
घोर अंधकार हो.... ला रहा विहान है।​

Answers

Answered by harshsingh37
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Thor andhkaar Ka aarth h ki

Answered by franktheruler
1

घोर अन्धकार हो , चल रही बयार हो, आज द्वार द्वार पर यह दिया बुझे नहीं । यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है।

भावार्थ :

  • संदर्भ : ये पंक्तियां कभी दिया बूझने न देना कविता से की गई है। इस कविता के रचयिता है गोपाल दास नेपाली।

  • प्रसंग : इन पंक्तियों में कवि ने स्वतंत्रता की लौ जलाए रखने की प्रेरणा दी है।

  • व्याख्या : कवि के अनुसार किसी भी कीमत पर स्वतंत्रता का मोल नहीं किया जा सकता। स्वतंत्रता अनमोल होती है

हर भारतीय का कर्तव्य है कि अपने हृदय में

स्वतंत्रता का दिया कभी बुझने नहीं देना है चाहे

आंधी आए या तूफान ।

  • कितनी भी कठिन परिस्थितियां क्यों न हो , हमें डगमगाना नहीं है। यह स्वतंत्रता के दीए का प्रकाश ही है जिसने हमे अंधकार से निकाला है।
  • यहां अंधकार से कवि का तात्पर्य परतंत्रता है। हमें अंग्रेजो की गुलामी से आजाद कराया है अर्थात हम प्रकाश में आए है।

#SPJ3

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