भावार्थ लिखिए :
(क) कोयल काको देत है कागा कासो लेत।
तुलसी मीठे वचन ते जग अपनो करि लेत।।
Answers
सही पंक्तियां इस प्रकार होंगी, वैसे प्रश्न में दी गईं पंक्तियों का अर्थ भी वही होगा जो कि नीचे दी गईं पंक्तियों का होगा।
ये हिंदी के महान कवि ‘कबीरदास’ द्वारा रचित एक दोहा है।
कागा काको धन हरै, कोयल काको देत |
मीठा शब्द सुनाय को, जग अपनो करि लेत ||
भावार्थ — कबीरदास जी कहते हैं कि कौआ किसी कुछ नही लेता, ना ही कोयल किसी से कुछ लेती देती है। पर दोनों की वाणियों में अंतर होता है जिससे वो संसार को प्रभावित करते हैं।
कौआ जहां अपने कर्कश आवाज से लोगों की उपेक्षा का पात्र बनता है वहीं कोयल अपने मीठे स्वर से सबके मन को मोह लेती है। कौआ किसी का धन नही तो ले नही लेता अर्थात किसी का नुकसान नही करता फिर भी लोग उसे पसंद नही करते तो इसका कारण उसकी आवाज का कर्कश होना है। जबकि कोयल किसी को धन तो नही दे देती है, फिर भी लोग उसे पसंद करते हैं तो इसका कारण उसकी मीठी आवाज है। इसलिये हमें दूसरों का मन जीतने के लिये सदैव अपने स्वभाव में अच्छाई लानी होगी।
Answer:
Ye na tulsidas ji ne likha hai kabirdas ne nahi