Hindi, asked by Ashwaryraj, 2 months ago

भावार्थ लिखें-
क. सत की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हरख-हरख जस गायो।।

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Answers

Answered by shishir303
15

सत की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हरख-हरख जस गायो।।

भावार्थ ⦂  मीराबाई कहती है, कि इस संसार में सत्य की नाव का खेवने वाला सतगुरु है, तो संसार रूपी भवसागर में जीवन रूपी नाव को आसानी से पार किया जा सकता है, अर्थात मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। मेरे प्रभु श्रीकृष्ण तो गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण करने वाले हैं, जिनके यश-यश का गुणगान करके मैं आनंद से अभिभूत हुई जा रही हूँ।

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Answered by seetaaram47
5

Explanation:

भावार्थ -

मीराबाई कहती है, सत्य रुपी नाव को खेने वाले मेरे सतगुरु (श्री कृष्ण) है तो मैं भवसागर को पार कर ली हूँ अर्थात मोक्ष को संचालित करने वाले श्री कृष्ण के साथ मैं मोक्ष को प्राप्त कर ली हूँ ।

मेरे प्रभु श्रीकृष्ण चतुर और गिरी पर्वत को अपनी उंगली पर धारण

करने वाले हैं, जिनके यश का गुणगान मैं आनंदित होकर कर रही हूँ।।

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