Hindi, asked by dilipkumar9110, 10 months ago

भाव स्पष्ट कीजिए
1. 'कमल-नैन को छाँड़ि महातम, और देव कौं ध्यावै।'​

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Answered by satya775
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Answer:

यहां भक्त की भगवान् के प्रति अनन्यता की ऊंची अवस्था दिखाई गई है। जीवात्मा परमात्मा की अंश-स्वरूपा है। उसका विश्रान्ति-स्थल परमात्माही है , अन्यत्र उसे सच्ची सुख-शान्ति मिलने की नहीं। प्रभु को छोड़कर जो इधर-उधर सुख खोजता है, वह मूढ़ है। कमल-रसास्वादी भ्रमर भला करील का कड़वा फल चखेगा ?कामधेनु छोड़कर बकरी को कौन मूर्ख दुहेगा ?

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