भाव स्पष्ट कीजिए-
फूल लेकर तितलियों को गोद में,
भौंर को अपना अनूठा रस पिला।
निज सुगंधों "और" निराले ढंग से
है सदा देता कली जी की खिला॥
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भाव स्पष्ट कीजिए-
फूल लेकर तितलियों को गोद में,
भौंर को अपना अनूठा रस पिला।
निज सुगंधों "और" निराले ढंग से
है सदा देता कली जी की खिला॥
यह पंक्तियाँ फूल और कांटे कविता से ली गई थी | यह कविता अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा लिखी गई है | फूल तितलियों को गोद में लेता है और भवरों को रस और लोगों के मन को मोह लेता है | फूल तितली को अपनी गोद में बिठाकर प्यार देता है। भंवरों को अनूठा रस पिलाता है। निजी सुगंध और नीले रंग से लोगों के मन को प्रसन्न करता है। फूलों को देवता के आगे शीश पर भी चढ़ाया जाता है।
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