भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू। चहत उड़ावन फूंकि पहारू।
(ख) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं।।
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।
(ग) गाधिसूनु कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ।
अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ।।
Answers
Answered by
5
Answer:
(क)भाव - परशुराम द्वारा फरसा दिखाए जाने पर लक्ष्मण ने ऊंचे स्वर में बोला - अहो मुनिवर आप अपने आपको बहुत बड़ा योद्धा समझते हैं। बार बार फरसा दिखा रहे हो। फूंक मार कर ही पहाड़ उराना चाहते हो। लक्ष्मण के कहने क भाव था कि वो परशुराम से कम नहीं हैं।
Attachments:
noobgamingayush:
Thanks Muskan will you be my friend
Answered by
2
Answer:
please make me brainlist and I will also make you brainlist and likes my answers please
Attachments:
Similar questions