भाव स्पष्ट कीजिए-
क. बिंदु बनकर मैं तुम्हें ढलने न दूंगा,
सिंधु बन तुमको उठाने आ रहा हूँ।
ख. विपथ होकर मैं तुम्हें मुड़ने न दूंगा,
प्रगति के पथ पर बढ़ाने आ रहा हूँ।
Please answer these two questions
Sorry ye question hindi ka h history ka nhi
Aur ye kabita Jagraan geet ka h
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क का उत्तर है ।
Explanation:
ख . कवि इससे कहना चाहते हैं कि मैं तुम्हें रहा से भटकने नहीं दूंगा मैं तुम्हें सच्चाई अर्थात प्रगति के पथ पर बढ़ाने के लिए रहा हू ।
Ridhima Raj mark me as a brainleist answer !!
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क. इस कविता मे कवि ने बताया है की लोगो को अपने मन मे बनी श्रृंखलाओं को हटाना होगा तथा संकीर्णताओं को तोर ना होगा
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