भाव स्पष्ट कीजिए-क. बिंदु बनकर मैं तुम्हें ढलने न दूंगा,सिंधु बन तुमको उठाने आ रहा हूँ।ख. विपथ होकर मैं तुम्हें मुड़ने न दूंगा,प्रगति के पथ पर बढ़ाने आ रहा हूँ।Please answer these two questions Sorry ye question hindi ka h history ka nhi Aur ye kabita Jagraan geet ka h
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donit givehegrgj bccha
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