Hindi, asked by nigarfatma0000, 9 months ago

भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) हिति चित्त की वै यूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।
(ख) आँधी पीछै जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।​

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Answered by badboy4089
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Answer:cvhk

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Answered by Anonymous
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Answer:

इसका भाव यह है कि ईश्वरीय ज्ञान हो जाने के बाद प्रभु-प्रेम के आनंद की वर्षा हुई। उस आनंद में भक्त का हृदय पूरी तरह सराबोर हो गया।

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