भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!
(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कूँआ।
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(क) मृदुल वैभव की रखवाली से यहाँ कवि का तात्पर्य कोयल की मीठी तथा कोमल आवाज़ से है। उसकी आवाज़ में मिठास होने के बाद भी जब वह वेदना पूर्ण आवाज़ में चीख़ उठती है तो कवि उससे उसकी वेदना का कारण पूछता है।
(ख) अंग्रेज़ी सरकार कवि से पशुओं के समान परिश्रम करवाते हैं। कवि के पेट पर जुआ बाँधकर कुँए से पानी निकाला जाता है। परन्तु इससे भी वे दु:खी नहीं होते तथा अंग्रेज़ी सरकार के षड़यंत्र को विफल कर उनकी अकड़ को समाप्त कर देना चाहते हैं।
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