भाव स्पष्ट किजिए
विकल विकल , उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के धन
तप्त धरा ,जल से फिर शीतल कर दो
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उत्तर: गर्मी के तेज ताप के कारण धरती के सारे लोग बहुत व्याकुल और बेचैन हैं, वे उदास हो रहे हैं। अरे बादलो, तुम सीमाहीन आकाश में पता नहीं किस ओर से आकर सब तरफ फैल गए हो। तुम बरस कर इस गर्मी के ताप से तपी हुई धरती को शीतलता प्रदान करो। हे बादलो, तुम गरज-गरज कर बरसो और फिर धरती को शीतल कर दो।
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