Hindi, asked by lokesh21332skv1jpr, 16 days ago

भाव स्पष्ट कीजिए-

या तो क्षितिज मिलन बन जाता / या तनती साँसों की डोरी।​

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Answered by Unknownfrndly
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या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी, इस पंक्ति में कवि ने बताया है कि पक्षी स्वतंत्र होकर क्षितिज यानी आकश और धरती के मिलन के स्थान तक जाने की इच्छा रखते हैं। वे या तो इसे प्राप्त करना चाहते हैं नहीं तो अपने प्राणों को न्योछावर कर दें।

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