Hindi, asked by damanrao, 1 month ago

भाव स्पष्ट कीजिए 'यह प्रश्न शिथिल करता पद को,भरता उर में विहवलता है​

Answers

Answered by shishir303
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यह प्रश्न शिथिल करता पद को,भरता उर में विह्वलता है।

संदर्भ : यह पंक्ति ‘हरिवंश राय बच्चन’ द्वारा रचित कविता एक गीत से ली गई है। इस कविता के माध्यम से कवि ने अकेलेपन के कारण अपने मन की निराशा एवं कुंठा को अभिव्यक्त किया है।

व्याख्या : कवि कहते हैं कि उनका मन बेहद हताश है, और निराशा में डूबा हुआ है। कोई उनका ऐसा नहीं जो बेहद उत्कंठा से उनकी प्रतीक्षा कर रहा हो और उनसे मिलने के लिए आतुर हो। इसलिए वह अपने तेज गति से चल रही पैरों को किस से मिलने के लिए आगे बढ़ाएं, कौन है जिससे मिलने के लिये वो जल्दी-जल्दी अपनी मंजिल तक पहुँचें। यही निराशा का भाव उनके कदमों में शिथिलता भर देता है, यानि उसके कदम धीमे पड़ जाते हैं, और उनका हृदय पीड़ा से भर जाता है।

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