भाव स्पष्ट करें देखता हूं मैं स्वंवर हो रहा प्रकृति का अनुसार अंचल हिल रहा है
Answers
Answer:
भाव स्पष्ट करें देखता हूं मैं स्वंवर हो रहा प्रकृति का अनुसार अंचल हिल रहा है ।
" देखता हूं मैं स्वयंवर हो रहा "
" प्रकृति के अनुसार अंचल हिल रहा है "।
Explanation:
कवि के अनुसार जब प्रकृति में नदी का अंचल है जोर जोर से हिलता है और खेत खलिहान की फसलें हिल हिल ऐसा अपना भाव स्पष्ट करते हैं कि मानो वहां स्वयंवर हो रहा हूं । कई सारे फसलें जब हवा चलती है तब ऐसा मनोरम दृश्य देखने को मिलता है । कि जैसे उस खेत में स्वयंवर हो रहा है । प्रकृति प्रकृति में नदियों का किनारा हिल रहा है । अंचल का अर्थ होता है नदी का किनारा ।
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भाव स्पष्ट करें देखता हूं मैं स्वंवर हो रहा प्रकृति का अनुसार अंचल हिल रहा है ।
" देखता हूं मैं स्वयंवर हो रहा "
" प्रकृति के अनुसार अंचल हिल रहा है "।
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कवि के अनुसार जब प्रकृति में नदी का अंचल है जोर जोर से हिलता है और खेत खलिहान की फसलें हिल हिल ऐसा अपना भाव स्पष्ट करते हैं कि मानो वहां स्वयंवर हो रहा हूं । कई सारे फसलें जब हवा चलती है तब ऐसा मनोरम दृश्य देखने को मिलता है । कि जैसे उस खेत में स्वयंवर हो रहा है । प्रकृति प्रकृति में नदियों का किनारा हिल रहा है । अंचल का अर्थ होता है नदी का किनारा ।