भाव स्पष्टीकरण
2. दुख रात्रि करने वंचना मेरी जिस दिन निखिल मही उस दिन ऐसा हो करूणामय तुम पर करूं नहीं कुछ संशय
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hjjgyubvfyjhvbhffbnjugfvnkkj
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hhvjjh bus stay at do du please like and give ,
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