Hindi, asked by Amjatjjuneja, 1 month ago

भाव व शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए (क) अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेलि बोयी अब त बेलि फैलि गई, आणंद-फल होयी (ख) दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से विलोयी दधि मथि घृत काढ़ि लियो, डारि दयी छोयी​

Answers

Answered by Diparam
7

Answer:

मियाँ नसीरुद्दीन भाव सौंदर्य - मीरा ने भारी कष्ट सहकर कृष्ण-प्रेम की बेल बाई हैं अर्थात् भारी कष्टों के मध्य मीरा के हृदय में कृष्ण-प्रेम उत्पन्न हुआ है। अब तो इस बैल के फलने-फूलने का समय आया है अर्थात् अब उसे कृष्ण-प्रेम के परिणामस्वरूप आनंद-रूपी फल को प्राप्ति होने वाली है, अत: वह इससे वंचित नहीं होता चाहेगी।

Explanation:

मियाँ नसीरुद्दीन भाव सौंदर्य - मीरा ने भारी कष्ट सहकर कृष्ण-प्रेम की बेल बाई हैं अर्थात् भारी कष्टों के मध्य मीरा के हृदय में कृष्ण-प्रेम उत्पन्न हुआ है। अब तो इस बैल के फलने-फूलने का समय आया है अर्थात् अब उसे कृष्ण-प्रेम के परिणामस्वरूप आनंद-रूपी फल को प्राप्ति होने वाली है, अत: वह इससे वंचित नहीं होता चाहेगी।

Similar questions