Hindi, asked by Aggarwalsonika, 28 days ago

भैया, गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी ही कमाई से कोठियों में रहते
हैं और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं आता।"
(क) उपर्युक्त कथन किसने, किससे, कब और क्यों कहा है ?​

Answers

Answered by bhatiamona
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(क) उपर्युक्त कथन किसने, किससे, कब और क्यों कहा है ?​

यह कथन ‘बात अठन्नी की’ पाठ में रमजान ने अपने साथी रसीला से कहा था।

रमजान और रसीला दोनों नौकर थे और वह अपने मालिकों द्वारा किए जा रहे अत्याचार और भ्रष्टाचार के विषय में बातें कर रहे थे।

रमजान ने अपने साथी रसीला से यह कथन कहा था। यह कथन कहने का आशय यह था कि दिन-रात परिश्रम करने के बाद भी उनके मालिकों उन्हें ठीक से वेतन नहीं देते थे, इसी कारण उनका गुजारा बड़ी मुश्किल से होता था और उसके मालिक बार-बार विनती करने के बाद भी उसका वेतन नहीं बढ़ाते थे।

वे दोनों यह बात जानते थे कि उनके मालिक रिश्वत लेते हैं और उससे बहुत पैसा कमाते हैं। इसी बात की दोनों आपस में चर्चा कर रहे थे।

Answered by afreennaaz6612
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Explanation:

या उपयुक्त कथन रमजान ने अपने मित्र रसीला से कहा जब उनके मालिक अंदर कमरे में रिश्वत की बात कर रहे थे तभी या उपयुक्त कथन रमजानी रसीला से कहा था

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