भैया लाल व्यास की साहित्यिक कृतियों पर संक्षिप्त परिचय दीजिए
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मूलतः हिंदी में कविताएं लिखने वाले भैया लाल व्यास जी की बुंदेली रचनाएं भी खूब प्रचलित हुई, उनकी बुंदेली में हरदौल पर लिखी कविता ने खूब ख्याति प्राप्त की। बुन्देलखण्ड में कवि सम्मेलन की शुरुआत का श्रेय भी भैया लाल जी को ही जाता है, उन्होंने हजारो मंचों का संचालन स्वयं किया है।
भैया लाल व्यास जी की कुछ प्रमुख रचनाएँ नीचे दी गयी है-
विजयादशमी (खंड काव्य), जीवन के क्रम, आग – पानी (पुस्तक), सांझ – सकारे, पूण्यभूमि बुंदेलखंड, देश के देवता, जागा मेरा देश, तुम मत रोना, गीतों मे चार ऋतुएँ, रस वृन्दावन (महाकाव्य), सीता सत्यम (प्रबंध काव्य ), चोर के छंद, महाबली छत्रसाल, ओनामासी, रघुवंशम, माँ ममतामयी, चिंतन का छण, अपना देश अपना संगीत (रेडियो रूपक)
Explanation:
भैया लाल व्यास का जीवन परिचय :-
भैया लाल व्यास जी का जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 07 सितम्बर 1918 और हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद शुक्ल 2, संवत 1975 को मध्यप्रदेश के एक छोटे से जिले दतिया में हुआ था। भैया लाल व्यास जी का बचपन बड़ी ही कठनाइयों में बीता महज़ 5 वर्ष की उम्र में उनके पिता बाल कृष्ण व्यास जी का देहांत हो गया और उनकी माता ने उन्हें बड़े कष्टों से पाला। अपरिवार की स्थिति अच्छी न होने के कारण भैया लाल व्यास जी ने कमउम्र सही काम करना शुरू कर दिया था। अपनी प्रतिभा और लगन की बदौलत उन्होंने सारी कठनाईयो को पार किया।
भैया लाल व्यास जी सरस्वती के साधक थे। अपनी देशभक्ति और प्रकृति प्रेमी कविताओं के लिये मशहूर बुन्देली कवि भैया लाल व्यास जी का चरित्र बहुत निर्मल और दयावान थे। भैया लाल व्यास जी ने कई कविताएं लिखी जिसमे वे देश प्रेम के बारे में कम शब्दों मे बहुत कुछ बोल जाते थे।