Bhaasha kuon jarori ha or agar bhaasha naa ho to kyaa hogaa
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भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। ... मनुष्य को सभ्य और पूर्ण बनाने के लिए शिक्षा जरूरी है और सभी प्रकार की शिक्षा का माध्यम भाषा ही है।
भाषा नहीं होता तो हमारा जीवन बहुत मुश्किल भरा होता । जिससे हमें अनेक कठिनाइयां होती । जैसे ना ही हम किसी से बोल पाते, और ना ही एक दूसरे को समझ पाते, और इस जग को समझना तो बहुत ही दूर की बात। हमें दूसरे से कुछ व्यक्त नहीं कर पाते , अगर भाषा होती तो हम कुछ भी पढ़ सकते , कुछ भी लिख सकते, कुछ भी व्यक्त कर सकते ।
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HOPE U HELP THIS
PLZ MARK ME AS BRAINLIEST
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Kuch bhi nhi ho ga bas aap apni baat nhi kr pao gay
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