Hindi, asked by lyadav3344, 9 months ago

भभूत लगाने से लेखक क्या बन जाते थे​

Answers

Answered by shishir303
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➲ भभूत लगाने से लेखक ‘बम-भोला’ बन जाते थे।

व्याख्या ⦂

➤ ‘माता का आंचल’ पाठ में लेखक शिवपूजन सहाय अपने बचपन के संस्मरण का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि लेखक के पिताजी सुबह तड़के उठ कर नहा धोकर पूजा करने बैठ जाते थे। लेखक भी अपने पिताजी से बेहद में हिले-मिले हुए थे, इसलिए वह भी अपने पिताजी के साथ सुबह-सुबह उठ जाते थे। उसके बाद लेखक के पिताजी लेखक को नहला-धुलाकर पूजा करने के लिए अपने साथ बिठा लेते। वह लेखक के माथे पर तिलक लगा देते थे। लेखक के चौड़े ललाट त्रिपुंड तिलक और सिर पर लंबी लंबी जटा होती थीं। भभूत लगा देने से लेखक बम-भोला की तरह नजर आते थे। इसी कारण लेखक के पिताजी लेखक को भोलेनाथ कहकर पुकारते थे।

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