Hindi, asked by mohini6685, 1 year ago

भगत जी वस्तुओं के प्रति मन में कैसा भाव रखते थे ?कक्षा बारहवीं आरोह किताब पाठ बाजार दर्शन​

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Answered by Anonymous
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भगत जी बाज़ार में जाकर विचलित नहीं होते हैं। उनका स्वयं में नियंत्रण है। उनके अंदर गज़ब का संतुलन देखा जा सकता है। यही कारण है कि बाज़ार का आकर्षित करता जादू उनके सिर चढ़कर नहीं बोलता है। उन्हें भली प्रकार से पता है कि उन्हें क्यों और क्या लेना है? वे बाज़ार में जाकर आश्चर्यचकित नहीं रह जाते हैं। अतः इस आधार पर कह सकते हैं कि वे दृढ़-निश्चयी तथा संतोषी स्वभाव के व्यक्ति हैं। उनका स्वयं पर तथा अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण है। संतोषी स्वभाव के कारण उनमें लालच की भावना विद्यमान नहीं है। एक लालच ही ऐसा भाव है, जो असंतोष, क्रोध आदि दुर्भावनाओं को जन्म देता है। इसके कारण ही भ्रष्टाचार, चोरी-चकारी, हत्या जैसे अपराध समाज में बढ़ रहे हैं। मनुष्य दृढ़-निश्चयी है, तो वह नियंत्रणपूर्वक इस लालच को रोके रखता है। संसार में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो ऐसी वस्तुओं से प्रभावित न हो। लेकिन जिसके अंदर दृढ़-निश्चय और संतोष है, वह कभी गलत मार्ग में नहीं बढ़ेगा और समाज में शांति-स्थापित करने में मददगार साबित होगा।

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