भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?
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उत्तर: भगत के बेटे की मृत्यु के बाद वे अकेले पड़ गए थे | उनकी सेवा परिचर्या और भोजन आदि का प्रबंध करने के उद्देश्य से भगत की पतोहू उन्हें अकेले नहीं छोड़ना चाहती थी |
Answer:
भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले छोड़कर नहीं जाना चाहती थी क्योंकि भगत के बुढ़ापे का वह एकमात्र सहारा थी। उसके चले जाने के बाद भगत की देखभाल करने वाला और कोई नहीं था ।
बालगोबिन के बारे में अतिरिक्त जानकारी:
बालगोबिन भगत एक गृहस्थ थे लेकिन उनमें साधु संन्यासियों के गुण भी थे। वे अपने किसी काम के लिए दूसरों को कष्ट नहीं देना चाहते थे। बिना अनुमति के किसी की वस्तु को हाथ नहीं लगाते थे। कबीर के आर्दशों का पालन करते थे। सर्दियों में भी अंधेरा रहते ही पैदल जाकर गंगा स्नान करके आते थे तथा भजन गाते थे। वेशभूषा से ये साधु लगते थे। इनके मुख पर सफ़ेद दाढ़ी तथा सिर पर सफ़ेद बाल थे, गले में तुलसी के जड़ की माला पहनते थे, सिर पर कबीर पंथियों की तरह टोपी पहनते थे, शरीर पर कपड़े बस नाम मात्र के थे। सर्दियों के मौसम में बस एक काला कंबल ओढ़ लेते थे तथा मधुर स्वर में भजन गाते-फिरते थे।