Hindi, asked by starlightsky23, 4 hours ago

भगवाना को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने जो उपाय किये वे समाज मैं फैले अंधविशवास से
प्रेरित हैं। आप ऐसे उपायों से कहाँ तक सहमत हैं। अपने विचार लिखिए।

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Answers

Answered by Anonymous
16

\huge\bold\red{प्रश्न}

भगवान को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने जो उपाय किये वे समाज में फैले अंधविशवास से प्रेरित हैं। आप ऐसे उपायों से कहाँ तक सहमत हैं। अपने विचार लिखिए।

\huge\bold\purple{उत्तर}

● हमारे विचार से बुढ़िया माँ ने जो उपाय किए वह सही नहीं थे क्यूँकी ‘दुख का अधिकार’ पाठ में साँप के काटने का इलाज झाड़-फूंक और ओझा से नाग देवता की पूजा-अर्चना कराने के बारे में बताया गया है जो की गलत उपाय था उन्हें किसी डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए था। इन बुराइयों के ही कारण अशिक्षा, रूढ़िवादिता, धर्म का भय तथा जागरुकता का अभाव है जिसके कारण अनपढ़ और ग्रामीण लोग इन बुराइयों का सरलता से शिकार बन जाते हैं। इनमें फँसकर वे अपना धन और समय ही नहीं गॅवाते बल्कि पीड़ित और अपने प्रिय व्यक्ति की जान से भी हाथ धो बैठते हैं। इसकी सबसे अधिक मार गरीब परिवारों पर पड़ती है, जिन्हें बाद में खाने के भी लाले पड़ जाते हैं।

Answered by technoblackberrygame
4

Answer:

\huge\bold\red{प्रश्न}

भगवान को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने जो उपाय किये वे समाज में फैले अंधविशवास से प्रेरित हैं। आप ऐसे उपायों से कहाँ तक सहमत हैं। अपने विचार लिखिए।

\huge\bold\purple{उत्तर}

● हमारे विचार से बुढ़िया माँ ने जो उपाय किए वह सही नहीं थे क्यूँकी ‘दुख का अधिकार’ पाठ में साँप के काटने का इलाज झाड़-फूंक और ओझा से नाग देवता की पूजा-अर्चना कराने के बारे में बताया गया है जो की गलत उपाय था उन्हें किसी डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए था। इन बुराइयों के ही कारण अशिक्षा, रूढ़िवादिता, धर्म का भय तथा जागरुकता का अभाव है जिसके कारण अनपढ़ और ग्रामीण लोग इन बुराइयों का सरलता से शिकार बन जाते हैं। इनमें फँसकर वे अपना धन और समय ही नहीं गॅवाते बल्कि पीड़ित और अपने प्रिय व्यक्ति की जान से भी हाथ धो बैठते हैं। इसकी सबसे अधिक मार गरीब परिवारों पर पड़ती है, जिन्हें बाद में खाने के भी लाले पड़ जाते हैं।

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